By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept

K News 18

Latest & Breaking News Updates In Hindi

  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Search
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: जब घर वालों ने ही शिबू सोरेन को दिया था धोखा, गंवानी पड़ गई थी झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी…
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa

K News 18

Latest & Breaking News Updates In Hindi

Font ResizerAa
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
Search
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
K News 18 > Blog > देश > जब घर वालों ने ही शिबू सोरेन को दिया था धोखा, गंवानी पड़ गई थी झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी…
देश

जब घर वालों ने ही शिबू सोरेन को दिया था धोखा, गंवानी पड़ गई थी झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी…

Last updated: 2024/02/02 at 11:18 AM
Share
5 Min Read
जब घर वालों ने ही शिबू सोरेन को दिया था धोखा, गंवानी पड़ गई थी झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी…
SHARE

लगभग ढाई दशक के झारखंड के इतिहास में रघुबर दास को छोड़कर एक भी मुख्यमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

जमीन घोटाला मामले में ईडी की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को भी चार साल बाद ही पद से इस्तीफा देना पड़ा है।

उनके पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन जिन्होंने झारखंड आंदोलन का बढ़-चढ़कर नेतृत्व किया, के नाम सबसे कम दिनों तक मुख्यमंत्री रहने और मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए विधानसभा उप चुनाव हार जाने का भी रिकॉर्ड है। 

हालांकि, शिबू सोरेन तीन-तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने लेकिन कभी भी वह छह महीने का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 2005 में पहली बार झारखंड बनने के बाद विधानसभा के चुनाव हुए थे।

81 सदस्यीय विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला था। हालांकि, 30 सीटें जीतकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। जेडीयू उस वक्त बीजेपी के साथ थी, जिसे 6 सीटें मिली थीं। यानी NDA को कुल 36 सीटें मिली थीं।

शिबू सोरेन की पार्टी झामुमो को तब सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली थी। उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। इस तरह यूपीए को कुल 26 सीटें मिली थीं, जो एनडीए से 10 कम थी।

बावजूद इसके राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने शिबू सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। शिबू उस वक्त केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री थे और 42 विधायकों के समर्थन का दावा किया था।

राज्यपाल रजी ने तब एनडीए के सरकार बनाने के दावे को ठुकरा दिया था। बहरहाल, 2 मार्च, 2005 को शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री पद की थपथ दिलाई गई लेकिन उनकी सरकार 10 दिनों में ही गिर गई। वह बहुमत साबित करने में विफल रहे।

इसके बाद बीजेपी की अगुवाई में एनडीए सरकार बनी। अर्जुन मुंडा सीएम बने। उन्हें मधि कोड़ा समेत तीन निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया था।

सितंबर 2006 में तीनों निर्दलीय विधायकों ने मुंडा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद 18 सितंबर, 2006 को निर्दलीय मधु कोड़ा नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री बने।

उनकी सरकार में झामुमो, राजद, एनसीपी, फॉरवर्ड ब्लॉक शामिल रही। कांग्रेस ने कोड़ा सरकार को बाहर से समर्थन दिया। कोयला घोटाला में फंसने के बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी।

28 अगस्त 2008 को जब शिबू सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने, तब वह दुमका से सांसद थे। मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उनके सामने छह महीने के अंदर यानी 28 फरवरी 2009 तक झारखंड विधानसभा का सदस्य बनने की संवैधानिक मजबूरी थी।

तब उनके लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश की जा रही थी, जहां से वह आसानी से जीत दर्ज कर सकें लेकिन बिडंबना देखिए कि जिस शख्स ने सैकड़ों विधायक और दर्जनों सांसद बनाए, उसके लिए कोई भी अपनी सीट छोड़ने को तैयार नहीं था।

वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने अपनी किताब ‘झारखंड: राजनीति और हालात’ में लिखा है, “जब गुरूजी (शिबू सोरेन) को चुनाव लड़ने के लिए एक सीट की जरूरत पड़ी, तो कोई भी सीट खाली करने को तैयार नहीं हुआ। यहां तक कि बेटा और बहू भी अपनी सीट छोड़ने को राजी ना हुए। पुराने दोस्तों ने भी ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि जब बेटे-बहू ने सीट खाली नहीं की तो हम क्यों करें?”

किताब में लिखा गया है कि तब उनके ही विधायकों ने उनसे बोर्ड-निगम में पदों के लिए खूब बारगेनिंग की थी। चंपई सोरेन भी तब सरायकेला से झामुमो के ही विधायक थे।

खैर, जेडीयू विधायक रमेश सिंह मुंडा के निधन से खाली हुई तमाड़ सीट पर उप चुनाव में शिबू सोरेन यूपीए के उम्मीदवार बनाए गए लेकिन झारखंड पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण पातर उर्फ ​​राजा पीटर ने उन्हें हरा दिया।

इस तरह छह महीने का कार्यकाल पूरा किए बिना शिबू सोरेन को दूसरी बार पद छोड़ना पड़ा था। उन्हें मुख्यमंत्री पद से 18 जनवरी 2009 को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद झारखंड में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा था। 

You Might Also Like

हिमालय की गोद से प्राप्त शुद्ध जल से निर्मित टेंसबर्ग, दिल्ली के बीयर बाजार में गुणवत्ता की नई क्रांति…

कुम्भ हादसे पर योगी आदित्यनाथ का बयान: खुद को ‘दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख मुख्यमंत्री’ कहा, कल देने जा रहे CM पद से इस्तीफा

अश्विनी वैष्णव ने बताया, भारत में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग का क्षेत्र तेजी से बढ़ा

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषित की 2025-26 के लिए सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा की तारीख

बेंगलुरु में टैक्स चोरी के आरोप में 30 लग्जरी कारें जब्त, फेरारी, बीएमडब्ल्यू, रेंज रोवर शामिल

February 2, 2024 February 2, 2024
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Previous Article रायपुर : विकास को गति देने के लिए बेहतर वित्तीय प्रबंधन जरूरी: मंत्री रामविचार नेताम… रायपुर : विकास को गति देने के लिए बेहतर वित्तीय प्रबंधन जरूरी: मंत्री रामविचार नेताम…
Next Article रायपुर : केंद्रीय अंतरिम बजट से समाज के अंतिम छोर पर खड़े लोगों को होगा फायदाः वित्त मंत्री ओपी चौधरी… रायपुर : केंद्रीय अंतरिम बजट से समाज के अंतिम छोर पर खड़े लोगों को होगा फायदाः वित्त मंत्री ओपी चौधरी…
- Advertisement -
Ad imageAd image
- Advertisement -
Ad imageAd image

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
11.6k Followers Pin
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow

ताजा ख़बरें

शादी, हनीमून और मर्डर: सोनम निकली बेवफा, राज के लिए करा दी पति राजा की हत्या
शादी, हनीमून और मर्डर: सोनम निकली बेवफा, राज के लिए करा दी पति राजा की हत्या
Breaking News
CG NEWS: मुख्यमंत्री साय ने नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरीपुंजे के शहीद होने पर जताया गहरा शोक, घायलों के इलाज के दिए निर्देश….
CG NEWS: मुख्यमंत्री साय ने नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरीपुंजे के शहीद होने पर जताया गहरा शोक, घायलों के इलाज के दिए निर्देश….
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
बिलासपुर के सेंट्रल जेल में सुरक्षा इंतजाम को ठेंगा दिखाकर 22 फीट ऊंची दीवार कूदकर फरार हुआ कैदी
बिलासपुर के सेंट्रल जेल में सुरक्षा इंतजाम को ठेंगा दिखाकर 22 फीट ऊंची दीवार कूदकर फरार हुआ कैदी
छत्तीसगढ़ राज्य
आईईडी की चपेट में आकर ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद, गृहमंत्री विजय शर्मा ने जताया शोक
आईईडी की चपेट में आकर ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद, गृहमंत्री विजय शर्मा ने जताया शोक
छत्तीसगढ़ राज्य
//

यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

संपादक - Pragya Telang
मोबाइल - 7999882386
ईमेल - [email protected]
कार्यालय - G2 Amrit Niwas , Gandhi Nagar , Gudhiyari , Raipur , Chhattisgarh
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?