भोपाल : उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिए हैं कि निवेशकों से नियमित संवाद सुनिश्चित किया जाए और प्रस्तावों को मूर्त रूप देने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि निवेशकों से चर्चा कर उनकी ऐसी आवश्यकताओं की पहचान की जाए जिनमें शासन या प्रशासन का सहयोग अपेक्षित है। उनके समाधान के लिए अंतरविभागीय समन्वय किया जाए। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने मंत्रालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र से संबंधित निवेश प्रस्तावों की वृहद समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने पूर्व निवेश नीति के पात्र निवेशकों को अनुदान वितरण के लिए प्रशासनिक औपचारिकताओं को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं और प्रदेश को मेडिकल हब के रूप में विकसित किया जाए। बैठक में निवेश प्रस्तावों की प्रगति, भूमि उपलब्धता, नीति लाभ एवं प्रशासनिक सहयोग पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
हर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिये ठोस प्रावधान
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि नवीन हेल्थ सेक्टर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी – 2025 में प्रदेश के हर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिये ठोस प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि कैटेगरी ‘B’ और ‘C’ शहरों के लिए प्राप्त प्रस्तावों के साथ-साथ वृहद परियोजनाओं पर सुनियोजित योजना बनाकर कार्य किया जाए।
प्रदेश में अब तक स्वास्थ्य अधोसंरचना क्षेत्र के कुल 180 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत 49,990 करोड़ रुपये है। इन प्रस्तावों में कैटेगरी ‘A’ के लिए 155 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनकी लागत 47,856 करोड़ रुपये है। कैटेगरी ‘B’ में 1,911 करोड़ रुपये लागत के 18 प्रस्ताव और कैटेगरी ‘C’ में 222 करोड़ रुपये के 7 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री तरुण राठी, संचालक प्रोजेक्ट श्री नीरज कुमार सिंह एवं एमपीआईडीसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।