रायपुर
राज्य सरकार ने गोतस्करी जैसे संगठित अपराध पर लगाम कसने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब इस अपराध में लिप्त आदतन आरोपितों पर सफेमा के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे आरोपितों की संपत्ति को जब्त कर नीलाम किया जाएगा और प्राप्त राशि को गोसेवा में लगाया जाएगा।
गृहमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय महानदी भवन में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें सभी जिलों के एडिशनल एसपी स्तर के नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में जिलेवार समीक्षा की गई और 15 जुलाई 2024 को लागू की गई एसओपी के तहत अब तक हुई कार्रवाई पर चर्चा की गई।
गोतस्करी में लिप्त वाहनों की होगी निलामी
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि गोतस्करी में लिप्त पाए गए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाएगा। इसके अलावा तस्करी में इस्तेमाल किए गए वाहनों को राजसात कर उनकी नीलामी की जाएगी। इस धन का उपयोग गोसेवा के लिए किया जाएगा। गोसेवा आयोग को गोसेवकों के लिए पहचान पत्र जारी करने का भी आग्रह किया जाएगा। जिन जिलों में अब तक अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई है, वहां के अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
गोतस्करी केवल अपराध नहीं, संगठित नेटवर्क है: डिप्टी सीएम
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पुलिस को सफेमा और रासुका जैसे कानूनों को प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों से ठोस कार्रवाई के प्रमाण और आगामी बैठक में पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि गोतस्करी केवल अपराध नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क है।
डिप्टी सीएम ने यह दिए सुझाव
उन्होंने हाईवे पर कमजोर बैरिकेडिंग और तस्करों द्वारा पैदल रास्तों के इस्तेमाल पर चिंता जताई। उन्होंने गोसेवकों व एनसीसी से जुड़े युवाओं को चिन्हित कर निगरानी तंत्र में शामिल करने का सुझाव दिया। साथ ही युवाओं और पुलिस के बीच संवाद स्थापित करने विशेष पास जारी करने पर जोर दिया। टेक्नोलाजी के माध्यम से सूचना तंत्र मजबूत करने की बात भी कही।