छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों की भूमिका एक बार फिर संदेह के घेरे में है। लाखों की शासकीय राशि गबन के मामले में पहले से जेल में बंद सचिव ईलाही मोहम्मद कुरैशी का नाम अब एक और घोटाले में सामने आया है। ग्राम पंचायत रसेड़ा में 15वें वित्त आयोग की 3.73 लाख रुपये की राशि के दुरुपयोग की पुष्टि जांच रिपोर्ट में हुई है। इससे पहले कुरैशी पर कोटमीसोनार पंचायत में 25 लाख रुपये की वित्तीय कूटरचना और धार्मिक भावनाएं भड़काने जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं।
इसके बावजूद अब तक सिर्फ निलंबन तक सीमित प्रशासनिक कार्रवाई ने सुशासन के दावों और तंत्र की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांजगीर-चांपा | अकलतरा
जांजगीर-चांपा जिले में पंचायत सचिव ईलाही मोहम्मद कुरैशी के खिलाफ घोटालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। पहले कोटमीसोनार में 25 लाख रुपये की शासकीय राशि के गबन और धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में जेल पहुंचा सचिव अब ग्राम पंचायत रसेड़ा में भी 3.73 लाख रुपये के गबन के आरोपों में घिर गया है।
तीसरा मामला सामने आते ही ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का आक्रोश अब उबाल पर है। सवाल उठ रहा है कि जब आरोपी जेल में बंद है और उस पर लगातार गबन के मामले सामने आ रहे हैं, तो अब तक प्रशासन ने बर्खास्तगी की कार्रवाई क्यों नहीं की?
रसेड़ा में तीसरी गड़बड़ी का खुलासा
जनपद पंचायत अकलतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गठित जांच समिति ने ग्राम पंचायत रसेड़ा में 15वें वित्त आयोग वर्ष 2024-25 के तहत खर्च की गई राशि की जांच की।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन सचिव ईलाही कुरैशी द्वारा ₹3.73 लाख की राशि खर्च का कोई वैध दस्तावेज या सबूत नहीं पेश किया गया। स्पष्ट रूप से शासकीय निधि के दुरुपयोग की पुष्टि हुई है।
ग्राम पंचायत की सरपंच जानकीबाई और उपसरपंच गणेशराम ने अकलतरा थाने में लिखित शिकायत देकर एफआईआर की मांग की है। शिकायत की प्रतिलिपि कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को भी भेजी गई है
पहले से जेल में बंद है आरोपी
ईलाही कुरैशी के खिलाफ इससे पहले कोटमीसोनार पंचायत में ₹25 लाख 13 हजार 528 रुपए के गबन का मामला दर्ज है। साथ ही, उस पर वॉट्सऐप ग्रुप में धार्मिक भावना भड़काने वाला पोस्ट साझा करने का भी आरोप है।
पुलिस ने इन दोनों मामलों में आईपीसी की धारा 420, 409, 34 और बीएनएस की धारा 299 के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपी को 10 जून 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया था।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने दोनों मामलों में अपराध स्वीकार भी किया है।
प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा जनाक्रोश
तीन गंभीर मामलों में नामजद, न्यायिक हिरासत में बंद सचिव के खिलाफ अब तक केवल निलंबन की कार्रवाई की गई है।
प्रशासन की इस ढुलमुल कार्यशैली से ग्रामीणों का भरोसा टूट रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि –
“सिर्फ रसेड़ा या कोटमीसोनार ही नहीं, ईलाही कुरैशी जहां-जहां सचिव रहा, वहां जांच होनी चाहिए। ये घोटाले सुनियोजित हैं और इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है।”
सवालों के घेरे में प्रशासन: क्यों नहीं हुई बर्खास्तगी?
तीन-तीन मामलों में दोषी पाए गए इस सचिव के खिलाफ अब तक सिर्फ निलंबन की औपचारिक कार्यवाही ही हुई है। बर्खास्तगी की न तो प्रक्रिया शुरू की गई है और न ही अन्य पंचायतों में उनके कार्यकाल की जांच।
घोटालों पर उठे सवाल, प्रशासन ने जताई अनभिज्ञता
लगातार सुर्खियों में रहे कथित घोटालों को लेकर जब जिला प्रशासन से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो जिला पंचायत सीईओ गोकुल रावटे ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा —
“मुझे इस मामले की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। यदि इस तरह की कोई शिकायत सामने आती है या कोई तथ्यात्मक मामला सामने आता है, तो उसकी गंभीरता से जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”